मौलाना आजाद डेंटल इंस्टीट्यूट समेत आठ अस्पतालों पर आफत
दस दिन की छुट्टी पर जाने से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली सरकार से सरकारी सहायता प्राप्त आठ अस्पतालों एवं संस्थानों की कमियों का मूल्यांकन एक केंद्रीय एजेंसी से कराने का फैसला करके गए हैं।
इलाज के लिए बेंगलुरु जाने से पहले केजरीवाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने आठ स्वायत्त संस्थानों एवं अस्पतालों का भारत सरकार की एजेंसी भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) द्वारा थर्ड पार्टी ऑडिट कराने को मंजूरी दे दी। हालांकि इसमें दिल्ली सरकार की सदाशयता तलाशने वालों को बता दें कि यह फैसला दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश के तहत दिया गया है।
एक अधिकारी ने बताया है कि सरकारी सहायता प्राप्त अस्पतालों एवं संस्थानों की कमियों का मूल्यांकन कराने की प्रक्रिया पूरा करने के उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर यह फैसला किया गया है।
जो अस्पताल या अन्य संस्थान इस फैसले की जद में आए हैं वो हैं राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एवं बायलियरी साइंसेज, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेदिक एवं चरक संस्थान, मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट आफ डेंटल साइंसेज और इंस्टीट्यूट ऑफ बीहैवियर एंड एलाइड साइंसेज।
संबंधित अधिकारी ने बताया कि इस ऑडिट का उद्देश्य इन संस्थानों की कमियों का पता लगाना और उन्हें दूर करने के उपाय सुझाना है। आईआईपीए की सेवा लेने के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
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